ॐ नमः शिवाय॥
Om Namah Shivaya॥
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
Om Tryambakam Yajamahe Sugandhim Pushti-Vardhanam
Urvarukamiva Bandhanan Mrityormukshiya Mamritat॥
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं । विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥
Karcharankritam Vaa Kaayjam Karmjam Vaa Shravannayanjam Vaa Maansam Vaa Paradham | Vihitam Vihitam Vaa Sarv Metat Kshamasva Jay Jay Karunaabdhe Shree ॥Mahadev Shambho ||
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
Om Tatpurushaya Vidmahe Mahadevaya Dhimahi Tanno Rudrah Prachodayat॥
ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुष्टिवर्धनम्, उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात् ॥
Om Trayambakam Yajamahe Sugandhim pustivardham, Urwarukmivbandhanaan Mrityormuksheey mamritaat ॥mritaat ||
ॐ नमो भगवते रूद्राय ॥
Om Namo Bhagwate Rudraay ||
मंदाकिनी नदी के निकट उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय पर्वत पर स्थित, केदारनाथ मंदिर दुनिया भर में हिंदुओं का प्रसिद्ध मंदिर है. उत्तराखण्ड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मन्दिर 12 ज्योतिर्लिंग में शामिल है. विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर 3562 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह शिव मंदिर उत्तराखंड के चार धाम यात्रा के चार स्थानों में यमुनोत्री, गंगोत्री और बद्रीनाथ में गिना जाता है. इतना ही नहीं केदारनाथ, पंच केदार का निर्माण करने वाले पांच मंदिरों में से एक है.
सोमनाथ मंदिर सौराष्ट्र में वेरावल के पास प्रभास क्षेत्र में स्थित हैं. भगवान शिव को समर्पित यह 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है. यह मंदिर गंभीर ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है. सोमनाथ के हाल के मंदिर का पुनर्गठन 1947 में किया गया था. यह मंदिर चालुक्य शैली की वास्तुकला में बनाया गया है और समुद्र तट के ठीक ऊपर स्थित है.
आंध्र प्रदेश का मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर कृष्णा नदी के तट पर स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यहां मल्लिकार्जुन के रूप में भगवान शिव की पूजा की जाती है और देवी पार्वती को यहां भद्रकाली के रूप में पूजा जाता है. मल्लिकार्जुन स्वामी का मंदिर, बीजानगर साम्राज्य के राजा हरिहर राय ने 6वीं शताब्दी से पहले बनवाया था.
Kedarnath
Bhole Baba